Tuesday, May 29, 2012

लुटना हमारा राष्ट्रीय व्यसन’ है


मुहम्मद ग़जनी ने हमें 17 बार लूटा -नादिर शाह ने दिल्ली के बादशाह मुहम्मद शाह रंगिला से हिन्दुस्तान से लूटी हुइ दौलत में से 25 लाख रुपये की मांग की और एवज़ में हीरे-मोति जडित मायूर सिंहासन और कोहेनूर हीरा ले उडा . अह्मद्शाह दुरानी उर्फ अहमद शाह अब्दाली ने भी 8 हमले किए …इन्सानियत का खून बहाया और लूटा भी. अब हमारे मीडिया के महारथी इस गलत फहमी में न रहें कि उस जमाने में ‘खबरी ‘कहाँ थे ? सिर्फ वे ही आज के ‘राजा’ के बिचौलिए हैं.

उस वक्त की लूट में शोलापुरी बेगम और मुगलानी बेगम ने शाह की दिल्ली लूट में ‘खबरी’ की भूमिका बखूबी निभाई और इनाम भी पाया. इन्हीं खबरियों की निशान्देही पर शाह ने अमिर खान और कमुद्दीन खान की औरन्ग्ज़ेब के समय से हिन्दुस्तानियों से लूटी गइ 70साल की कमाइ पर हाथ साफ कर दिया.शाह ने 30 करोड की लूट की जिसे 28000 हाथी, ऊँट , बैल गाड़ियो-छकड़ों आदि पर लाद कर अफगानिस्तान ले गया. 200 ऊंटों पर तो दिल्ली दरबार से निकाह कर लाइ गइ बेगमात का ही समान था.

मज़हब के नाम पर 7 वीं सदी से हिन्दुस्तान को लूटा गया और इस्लाम के नाम पर अनगिनत काफिरों (हिन्दुओ) की हत्या कर दी गयी और यह सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है. लूटा तो अंग्रेजों ने भी मगर आधुनिक भारत में वैज्ञानिक प्रगती में उनकी रेल ,डाकघर और शिक्षा की देन भी है,जिस से देश एक जुट हो कर आजादी के संघर्ष में कूद गया.

आजादी के बाद भी लुट्ने का यह राष्ट्रीय ‘व्यसन’ पूर्वतय जारी है. पाक ने हमारे कश्मीर की 35% भूमि पर कब्जा कर लिया और सरकार ने पाक को देय 50 करोड रुपये पर रोक लगा दी. हमारे या फिर पाक के ‘बापू’ की जिद के आगे सरकार हार गइ और 50 करोड पाक को दे कर हमने एक स्थाई शत्रु पाल लिया( आज यह रकम 12 अरब 50 करोड़ बनती है).

आजाद भारत के पहले ‘लुटेरे’ होने का गौरव मिला- कृष्ण मेनन को जब जीप घोटाले में 80लाख की लूट हुइ आज यह रकम 2अरब रुपये बनती है. और इसे अब तक देश का सबसे बड़ा घोटाला होने का श्रेय प्राप्त है. . तब भी संसद में हंगामा हुआ . मगर विपक्ष की आवाज में उतना दम नहीं था. नेहरु जी देश को अपने बाप दादा की जागीर मानते थे- कृष्ण मेनन को सजा तो क्या उल्टा देश का रक्षा मन्त्री बन डाला. नतीजा ? चीन से हमे शर्मनाक हार झेलनी पडी और हजारों मील हमारी भूमि आज भी चीन के कब्ज़े में है.एक भ्रष्ट मित्र की बदौलत नेहरु त्रासद अंत को प्राप्त हुए.

पिछ्ले 5 दशक से हमारे सत्ताधारी ‘धृत राष्ट्र ‘ नेहरु जी की ‘लुटो-लुटाओ’ राष्ट्रीय नीति का अनुसरण करते आ रहे हैं . इन्दिरा जी ने पाक को दो फाड तो किया मगर उसकी कीमत आज की पीढी को अदा करनी पड रही है. देश की अर्थव्यवस्था तो चौपट हुइ सो हुइ मगर करोड़ों बंगला देशी भारत में घुस आए सो अलग . एक नया दुश्मन हमारे जी का जन्जाल और बन गया है.

नेहरु जी के ‘राजदौत्र ‘ राजीव जी को आखिर ज्ञान प्राप्त हुआ कि केन्द्र से ‘पाँच वर्षीय योजनाओ के लिए भेजा गया रुपया आम आदमी तक पहुंचते पहुंचते मात्र 10-15 पैसे ही रह जाता है.बाकी के पैसे तो ‘भ्रष्ट तन्त्र’ की जेब में ही पहुँच जाते हैं. बोफोर्स काण्ड पर राजीव को हार का मुंह देखना पडा, मगर बोफोर्स का दलाल क्वात्रोची आज भी कानून के लम्बे पर बंधे हाथों से दूर है. सुखराम के संचार घोटाले पर पर्देदारी का ही परिणाम है कि आज ‘ राजा’ का संचार घोटाला 1,78,645 करोड की उचाईयाँ छू रहा है और नेहरु की पादुकाओं में विराजमान मनमोहन जी – गाँधी जैसा मौन व्रत धारण किए बैठे हैं. देखो ! सर्वोच् न्यायालय सिंह साहेब का मौन व्रत तुडवा पाता है या .

देश का 66000अरब रुपया स्विस बैंकों में पहुँच गया. घोटालों की माँ 2जी स्पेक्ट्रम 1,78,645 करोड गटक गइ. घोटालों का बाप योजना कार्यान्वन असफलता से अतिरिक्त खर्च 1,16,724 करोड की उचाईया छू रहा है और जवाबदेही किसी की भी नहीं ? खेल -खेल में कलमाड़ी जी 700करोड के खेल को 76हजार करोड तक खेल गए . जांच जारी है मगर जनता को पूरा विश्वास है कि आंच किसी पर नहीं अयेगी. आदर्श भ्रष्टाचार के प्रतीक अशोक चाह्वान मुम्बई के सिंहासन से उतरे हैं तो दिल्ली के सिंहासन पर आरूढ़ हो जायेंगे. उनके अनुभव का फायदा अब केन्द्र सरकार उठाएगी .

जब तक कोइ नया घोटाला नहीं होता तब तक मीडिया इन् पुराने घोटालों पर लीपा-पोती से अपनी टी. आर.पी चमकायेगा और मीडिया के ‘बिचौलिए’ श्रीमान -सुर्खियाँ खाएंगी भी और बतियाएँगी भी .. इसे कहते हैं बगुला भक्ति !!!!!!

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