Tuesday, October 29, 2013
हिंदू शब्द की उत्पत्ति
हिंदू शब्द की उत्पत्ति...
अक्सर हम हिन्दू लोगों को बरगलाने के लिए हमें यह सिखाया जाता है कि “हिन्दू” शब्द हमें मुस्लिमों या फिर कहा जाए तो अरब वासियों ने दिया है…!
दरअसल ऐसी बातें करने के पीछे कुछ स्वार्थी तत्वों का मकसद यह रहा होगा कि हिन्दू अपने लिए “हिन्दू” शब्द सुनकर खुद में ही अपमानित महसूस करें और, हिन्दुओं में आत्मविश्वास नहीं आ पाए फिर हिन्दुओं को खुद पर गर्व करने या दुश्मनों के विरोध की क्षमता जाती रहेगी !
और, बहुत दुखद है कि समुचित ज्ञान के अभाव में बहुत सारे हिन्दू भी उसकी ऐसी बिना सर-पैर कि बातों को सच मान बैठे हैं और, खुद को हिन्दू कहलाना पसंद नहीं करते हैं जबकि, सच्चाई इसके बिल्कुल ही उलट है…!
हिन्दू शब्द हमारे लिए अपमान का नहीं बल्कि गौरव की बात है और, हमारे प्राचीन ग्रंथों एक बार नहीं बल्कि, बार-बार “हिन्दू शब्द” गौरव के साथ प्रयोग हुआ हुआ है….!
वेदों और पुराणों में हिन्दू शब्द का सीधे -सीधे उल्लेख इसीलिए नहीं पाया जाता है कि वे बेहद प्राचीन ग्रन्थ हैं और, उस समय हिन्दू सनातन धर्म के अलावा और कोई भी धर्म नहीं था जिस कारण उन ग्रंथों में सीधे -सीधे हिन्दू शब्द का उपयोग बेमानी था..!
साथ ही वेद पुराण जैसे ग्रन्थ मानव कल्याण के लिए हैं हिन्दू-मुस्लिम-ईसाई जैसे क्षुद्र सोच उस समय नहीं थे इसीलिए उन ग्रंथों में हिन्दू शब्द पर ज्यादा दवाब नहीं दिया है लेकिन प्रसंगवश हिन्दू और हिन्दुस्थान शब्द का उल्लेख वेदों में भी है..!
☻ ऋग्वेद में एक ऋषि का नाम “सैन्धव” था जो बाद में “हैन्दाव/ हिन्दव” नाम से प्रचलित हुए जो बाद में अपभ्रंश होकर “”हिन्दू”" बन गया..!
☻ साथ ही ऋग्वेद के ही ब्रहस्पति अग्यम में हिन्दू शब्द इस प्रकार आया है…
हिमालयं समारभ्य यावत इन्दुसरोवरं ।
तं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते ।।
( अर्थात... हिमालय से इंदु सरोवर तक देव निर्मित देश को हिन्दुस्थान कहते हैं )
☻ सिर्फ वेद ही नहीं बल्कि मेरु तंत्र ( शैव ग्रन्थ ) में हिन्दू शब्द का उल्लेख इस प्रकार किया गया है...
‘हीनं च दूष्यत्येव हिन्दुरित्युच्चते प्रिये’
( अर्थात... जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते हैं )
☻ इतना ही नहीं लगभग यही मंत्र यही मन्त्र शब्द कल्पद्रुम में भी दोहराई गयी है...
‘हीनं दूषयति इति हिन्दू ‘
( अर्थात... जो अज्ञानता और हीनता का त्याग करे उसे हिन्दू कहते हैं )
☻ पारिजात हरण में “हिन्दू” को कुछ इस प्रकार कहा गया है |
हिनस्ति तपसा पापां दैहिकां दुष्टम ¡
हेतिभिः शत्रुवर्गं च स हिंदुरभिधियते ।।
☻ माधव दिग्विजय में हिन्दू शब्द इस प्रकार उल्लेखित है...
ओंकारमंत्रमूलाढ्य पुनर्जन्म दृढाशयः ।
गोभक्तो भारतगुरू र्हिन्दुर्हिंसनदूषकः ॥
( अर्थात... वो जो ओमकार को ईश्वरीय ध्वनि माने... कर्मो पर विश्वास करे, गौ पालक रहे तथा बुराइयों को दूर रखे वो हिन्दू है )
☻ और तो और हमारे ऋग्वेद (८:२:४१) में ‘विवहिंदु’ नाम के राजा का वर्णन है जिसने 46000 गाएँ दान में दी थी विवहिंदु बहुत पराक्रमी और दानीराजा था और, ऋग वेद मंडल 8 में भी उसका वर्णन है|
## सिर्फ इतना ही नहीं हमारे धार्मिक ग्रंथों के अलावा भी अनेक जगह पर हिन्दू शब्द उल्लेखित है...
** (656 -661 ) इस्लाम के चतुर्थ खलीफ़ा अली बिन अबी तालिब लिखते हैं कि वह भूमि जहां पुस्तकें सर्वप्रथम लिखी गईं, और जहां से विवेक तथा ज्ञान की नदियां प्रवाहित हुईं, वह भूमि हिन्दुस्तान है। ( स्रोत : ‘हिन्दू मुस्लिम कल्चरल अवार्ड ‘- सैयद मोहमुद. बाम्बे 1949.)
** नौवीं सदी के मुस्लिम इतिहासकार अल जहीज़ लिखते हैं...
“हिन्दू ज्योतिष शास्त्र में, गणित, औषधि विज्ञान, तथा विभिन्न विज्ञानों में श्रेष्ठ हैं। मूर्ति कला, चित्रकला और वास्तुकला का उऩ्होंने पूर्णता तक विकास किया है। उनके पास कविताओं, दर्शन, साहित्य और नीति विज्ञान के संग्रह हैं। भारत से हमने कलीलाह वा दिम्नाह नामक पुस्तक प्राप्त की है।
इन लोगों में निर्णायक शक्ति है, ये बहादुर हैं। उनमें शुचिता, एवं शुद्धता के सद्गुण हैं। मनन वहीं से शुरु हुआ है।
☻ इस तरह हम देखते हैं कि इस्लाम के जन्म से हजारों-लाखों साल पूर्व से हिन्दू शब्द प्रचलन में था और, हिन्दू तथा हिन्दुस्थान शब्द पूरी दुनिया में आदर सूचक एवं सम्मानीय शब्द था…!
साथ ही इन प्रमाणों से बिल्कुल ही स्पष्ट है कि हिन्दू शब्द ना सिर्फ हमारे प्राचीन ग्रंथों में उल्लेखित है बल्कि हिन्दू धर्म और संस्कृति हर क्षेत्र में उन्नत था साथ ही, हमारे पूर्वज काफी बहादुर थे और उनमे निर्णायक शक्ति थी जिस कारण विधर्मियों की हिन्दू और हमारे हिंदुस्तान के नाम से ही फट जाती थी जिस कारण उन्होंने ये अरब वाली कहानी फैला रखी है…!
इसीलिए मित्रों... सेकुलरों और धर्मभ्रष्ट अवं पथभ्रष्ट लोगों कि नौटंकियों पर ना जाएँ और ”गर्व से कहो, हम हिन्दू हैं ” ।
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Bewkoof brihaspati agam ek shashtr hai 4-500 saal poorani ...
ReplyDeleteRigved kai hazae saal poorani hai ..
Dusra baat
Vedo me koi bhi rishi muni ka naam ni hai ... koi history nahi hai ...
Sirf wahi chaar rishi ka naam h ...
Jisko chaaro ved mila ....
Gwaar padhai karr ...
हिमालयं समारभ्य यावत इन्दुसरोवरं ।
ReplyDeleteतं देवनिर्मितं देशं हिन्दुस्थानं प्रचक्षते ।।
ये ऋग्वेद के नाम से प्रचारित करके क्या बताना चाहते हो>आप ऋग्वेद के ज्ञाता हो जो शब्द हिन्दू इसलाम का है तो इसके तो प्रमाण है >6) ॐ-ईश्वर रचित सृश्टि उत्पति से, ॐ-ईश्वर रचित -
सतयुग से सनातन के- ईष्वर रचित वेदों व सनातन धर्म के किसी भी प्रमाणित शास्त्र में ‘‘हिदू’’ शब्द नहीं है !
(7) ४ -चारों वेदों -में -नहीं है - शब्दहिन्दू’ !!
१-ऋग्वेद २-यजुर्वेद ३- सामवेद ४- अथर्ववेद
(8) ४-चारों उपवेदों -में -नहीं है -शब्द ‘हिन्दूू’
१- आयुर्वेद २- धनुर्वेद ३- गन्धर्ववेद ४-अर्थवेद
(9) ६ - छ: दर्षन शास्त्रों-में -नहीं है -शब्द ‘हिन्दू ’।
१-मीमांसा दर्षन - जैमिनी २-साख्य दर्शन - कपिल
३-न्याय दर्शन - गौतम ४-विषेशिक -वाद
५-योग दर्शन ---पतंजलि ६-वेदांत दर्शन ---वेदव्यास
(10) ६- छ -अंग में -में -नहीं है शब्द ‘हिन्दू’!
१- षिक्षा २- कल्प ३-व्याकरण ४- सिरुक्त ५-छंद ६-ज्योतिश
(11) ४- चार ब्राह्मण ग्रंथों में नहीं है -शब्दहिन्दू’-!!!
१ षतपथ ब्राह्मण २ऐतरेय ब्राह्मण ३ ताण्डय ब्राह्मण ४ गोपथ ब्राह्मण
(12) १०३- उपनिशदों में से- तेरह -का महत्त्व है पर ग्यारह ही ज्यादा महत्त्व रखते है।-बाकी के दो का भी विषेश स्थान है में -नहीं है -शब्द ‘हिन्दू ’-!!!
१-ईसोपनिषद २-केनोपनिषद ३- कठपनिषद ४-प्रष्नोपनिषद
५-मुण्डकोपनिषद ६-एतरेयोपनिशद ७- मांडूक्योपनिशद
८- छान्दोग्योपनिषद ९- तैतिरीयोपनिषद १०-वृहदोपनिषद
११-मैत्रायणी -आख्योपनिषद १२-श्वेतास्वर १३ कोशीतकि
(13)गीता - मनुस्मृति को मान्य शास्त्रों में माना हैं -नहीं है -शब्दहिन्दू’!
(14) वाल्मीकी रामायण में नहीं है शब्द‘हिन्दू’!!!
(15) महाभारत - तुलसी -रामायण में नहीं है -शब्द ‘हिन्दू ’-!!!
(16) हमारी देव भाषा संस्कृत व देवनागरी में नहीं है -शब्द ‘हिन्दू ’!!!
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(22) स्वतंत्रता के बाद किसी ने ‘- शब्द कोश व भारतीय संस्कृति को संभालने की कोशीष ही नहीं की - शब्द कोषों में साफ लिखा है कि -हिन्द -हिंदी -हिन्दू -हिन्दुस्थान आदि फारसी -शब्द है ।
शब्दकोषों में रामकृष्ण वर्मा 1950 के शब्द कोष के पेज 1193 । डाॅ. हरदेव बाहरी के शब्द संस्करण 2008 के पेज 878-879 देखे।
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हिंदुस्तान -पुं ० [फा ० हिन्दोस्तान ]१.
भारतवर्ष ।२.दिल्ली से पटने तक का
भारत का उतरीय और मध्य भाग ।
हिन्दू -पुं ० [फा०] [भाव० हिन्दूपन ,हिंदुत्व ]
भारतीय आर्यों के वर्तमान भारतीय
वंशज जो वेदों ,स्मृति ,पुराण आदि को
अपने धर्म-ग्रन्थ मानते हैं |
(22) फारसी -उर्दू शब्द कोशों में हिन्दू का अर्थ बताया है -गुलाम -आज्ञाकारी नौकर-डाकू -चोर -राहजन आदि आदि।
(23)आगे ‘काला’ और ‘दास’ संकलन में फारसी और उर्दू भाषा के शब्द कोष यह वर्णन करते है ।
हिन्दू का अर्थ तो समझो ===नज़माहेपतुल्ला ,तत्कालीन मंत्री ने 29 अगस्त 2014 को कहा था कि "हिन्दू शब्द का अर्थ -अपमानजनक है ,आप खुद देखो "
ReplyDelete----------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
अब आप हिन्दू का अर्थ देखो जो संसार के शब्द कोषोमे है ---
ये ऐतिहासिक परम सत्य है कि मुसलमानी लुटेरों ने भारत को गुलाम (हिन्दू)बनाया ,|
भारत के आर्यों को हिन्दू (गुलाम )बनाया , भारत को हिंदुस्तान कहा |
भारत कि भाषा संस्कृत व देवनागरी मे हिन्दू शब्द नहीं है |
हिन्दू शब्द हमारे वेद शास्त्रो नहीं है ओर तो ओर 997ई से पहले भारत मे हिन्दू शब्द नहीं है
हिन्दू’ शब्द का फारसी भाषा में मूल अर्थ है- चोर, डाकू, लुटेरे, राहजन, काला, गुलाम आदि। यह ऐतिहासिक सत्य है।
फारस में लेखक हमारे लेखक कहते है इस शब्द का तात्पर्य ‘दास’ है और इस्लाम के अनुसार वो सारे लोग जिन्होंने इस्लाम को नहीं अपनाया था उनको दास बना दिया गया।
आगे ‘काला’ और ‘दास’ संकलन में फारसी और उर्दू भाषा के शब्द कोष यह वर्णन करते है कि यह अर्थहीन और घ्रणित ‘हिन्दू’ शब्द का अर्थ है- फारसी भाषा का शब्दकोष - ल्युजत-ए-किशवारी, लखनऊ 1964, चोर, डाकू, राहजन, गुलाम, दास। उर्दू फिरोजउल लजत-प्रथम भाग पृ. 615, तुर्की चोर, राहजन, लूटेरा: फारसी गुलाम, दास, बारदा (आज्ञाकारी नौकर), शियाकाम (काला) पेज 376 भार्गव शब्द कोष बारवां संकलन 1965 भी देखे)
परसियन - पंजाबी (डिक्सनरी) शब्द कोश (पंजाबी यूनिवर्सिटी, पटियाला) भारतीय उपमहाद्वीप के निवासी, डाकू, राहजन, चोर, दास, काला, आलसी।
‘हिन्दू’ शब्द का फारसी भाषा में मूल अर्थ है- चोर, डाकू, लुटेरे, राहजन, काला, गुलाम आदि। यह ऐतिहासिक सत्य है।
प्रश्न: हिन्दू शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर: हिन्दू का अर्थ है-लाला लाजपत राय ने अपने परिचय में - लाहौर 1898में कहा: लेखक के अनुसार कुछ लोग कहते है कि हिन्दू है जो कि सिन्धु का बिगड़ा हुआ नाम है लेकिन यह गलत है। सिन्धु एक नदी का नाम है। किसी समुदाय का नाम नहीं है । यह सही है कि यह नाम असली आर्य जाति को दिया गया है जो कि इस क्षेत्र में मुस्लिम आक्रान्ताओं द्वारा अपमानित करने के लिए इस नाम से पुकारी जाती थी। फारस में लेखक हमारे लेखक कहते है इस शब्द का तात्पर्य ‘दास’ है और इस्लाम के अनुसार वो सारे लोग जिन्होंने इस्लाम को नहीं अपनाया था उनको दास बना दिया गया।
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ये ऐतिहासिक परम सत्य है कि मुसलमानी लुटेरों ने भारत को गुलाम (हिन्दू)बनाया ,|
भारत के आर्यों को हिन्दू (गुलाम )बनाया , भारत को हिंदुस्तान कहा |
भारत कि भाषा संस्कृत व देवनागरी मे हिन्दू शब्द नहीं है |
sayd apne etihas dhang jana nhi lakho solo pahale jb koi bhasha hi nh thi tofir ye hindi sabd khase aya jra mz smjaiye..!!??
ReplyDeleteBhai adhyay or slok number to bta do m bhi to dekhu
ReplyDeleteऋग्वेद में हिंदू शब्द ?
ReplyDeleteबकवास !
ReplyDelete👎
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