Showing posts with label Islam. Show all posts
Showing posts with label Islam. Show all posts

Saturday, October 27, 2012

About Love Jihad in Hindi


लव जेहाद कैसे, नुकसान और बचाव क्यों?

लव जेहाद कैसे?
१. मुस्लिम लडको को मौलवियो व अन्य इस्लामिक संगठन द्वारा हिंदू लडकियो को फ़साने को ना केवल प्रोत्साहित किया जाता हैं अपितु इनाम के तौर पर या कहे घर बसाने के नाम पर बड़ी रकम भी रखी जाती हैं | ये रकम जेहाद के नाम पर, जकात के नाम पर, जिज्या के नाम या आपके द्वारा पेट्रोल पर दी हुई रकम से ली जाती हैं |

२. कम से कम ४-५ लड़के (ज्यादा भी हो सकते हैं ) आपस में मिल के हिंदू लडकियो को चुनते हैं फ़साने के लिए | मुस्लमान हमेशा समूह में रहते हैं अपने कायर स्वाभाव की वजह से इसलिए उन हिंदू लडकियो को बचाना इतना सरल नहीं होता |

३. ये लड़के गर्ल्स कालेज के बाहर, कंप्यूटर संसथान के बाहर या अंदर, या कोचिंग संस्थानों के आसपास रहते हैं | कभी-२ लेडिस टेलर की दुकान पर ४-५ लड़के लगे ही रहते हैं | इन्टरनेट पर सोशल नेटवर्क से लेकर याहू चैट रूम तक हर वो जगह जहा इन्हें हिंदू लड़किया मिल सकती हैं वहा ये लगे रहते हैं घात में |

४. ज्यादातर मौको पर ये लड़के खुद को हिंदू ही दिखाने का प्रयास करते हैं | अच्छा मोबाइल सेट, कपडे, वा मोटर साइकिल आकर्षण के तौर पर इनका हथियार होते हैं | जिम में घंटो कसरत भी ये लोंग इसी लिए करते हैं ताकि अधिक से अधिक हिंदू लड़किया फसा सके |

५. दक्षिण भारत में तो मुल्ला मौलवी इन लडको के लिए पर्सोनालिटी डेवेलोप्मेंट कोर्से चलवा देते हैं | किस तरह बात की जाए लडकियो से , उन्हें कैसे तोहफे दिए जाए | और किस प्रकार सेक्युलर बन कर उनसे सिर्फ प्यार मोहब्बत की बात कर के खूबसूरत सपने दिखाए जाए |

६. फिल्म उद्योग में बढते खान मेनिया से ये अब और भी सरल हो गया हैं | ज्यादातर हीरो खान होते हैं ऐसी मानसिकता लड़कियों में तेजी से बढ़ रही हैं जो की समाज के लिए बहुत की घातक हैं |

७. अगर हिंदू लड़की निश्चित समय में नहीं फसती तो लव जेहादी अपने किसी दूसरे मित्र को उसके पीछे लगा देता हैं और खुद किसी और के पीछे लग जाता हैं | इसे लड़की फॉरवर्ड करना कहते हैं |

८. जल्द ही ये लड़के भोली भाली हिंदू लडकियो को अपने प्यार के जाल में फसा लेते हैं | उनमे से कई तो शारीरिक सम्बन्ध भी स्थापित कर लेते हैं | ज्यादातर घटनाओ में मुस्लिम लड़के वाईग्रा का इस्तेमाल करते हैं ताकि लड़किया संतुष्ट रहे और उनके खानपान से आई नापुसकता छुपी रहे |

९. एक बार लड़की से सम्बन्ध स्थापित हो गए तो लड़की को घर से भागने के लिए मनाने में इन्हें देर नहीं लगती | कही बार ये पहले भी मना लेते हैं पर ऐसा कम ही होता हैं |

१०. भगा के लड़का लड़की को शादी से पहले इस्लाम कुबूल करने पर मजबूर करा लेता हैं इस्लामी तरीके से शादी के नाम पर और लड़की फस जाती हैं जाल में क्यों की लड़की को वापस जाने की बात तो दिमाग में आती ही नहीं |

११. लड़की को भगा के इस्लामिक शादी कर ले जाने के बाद लड़की के साथ निम्न में से एक घटना होती हैं

क ) लड़का लड़की का पूरी तरह भोग कर के उसके शहर से चार पाच सौ किलोमीटर दूर बेच देता हैं किसी अधेड उम्र के मुस्लमान आदमी को जिसको उसकी बदसूरती की वजह से औरत नहीं मिली होती या उसे बस औरतो का शौक होता हैं | यानि लड़की को वैश्या व्रती के दल दल में डाल देता हैं |

ख ) लड़की को पता चलता हैं के लड़का पहले से ही २-३ शादिया करे बैठा हैं | और उसे भी नकाब में बंद एक कमरा मिल जाता हैं |

घ ) लड़की की किस्मत अच्छी होती हैं और वो उसकी पहली बीवी ही निकलती हैं | इस पारिस्थि में लड़की नकाब में तो कैद होती हैं पर उसे अपने २-३ सौतनो का इन्तेज़ार करना पड़ता है | और लड़के की गुलाम बन कर रह जाती हैं क्यों की वो इस्लाम कुबूल कर चुकी होती हैं और इस्लाम में औरत को तलाक का कोई अधिकार नहीं होता |

लव जेहाद से नुकसान
१. एक हिंदू लड़की के भागने से कम से कम ८ हिन्दुओ की हानि होती हैं |

२. जो लड़की भागती हैं वहा एक, जिसके साथ भागती हैं उसके लिए कम से कम ४ बच्चे पैदा करती हैं, अगर वहा लड़की ना भागती और किसी हिंदू के साथ शादी करती और वहा समझदार होता तो कम से कम ३ बच्चे पैदा करता इस प्रकार १+४+३=८ हिन्दुओ का नुकसान होता हैं |

३. अब जरा अनुमान लगाइए के ८ हिंदू अगले पच्चीस साल में ३ बच्चे भी पैदा करते तो २४ और वो अगले पच्चीस साल में ७२ इस प्रकार सौ साल में ४३२ हिन्दुओ का नुकसान होता सिर्फ एक हिंदू लड़की के जाने से |

४. वही एक मुस्लमान एक हिंदू लड़की भागने पर उस से ४ बच्चे पैदा करता हैं वो ४ अगले पचीस साल में १६ बच्चे पैदा करते हैं वो १६ अगले पचीस साल में ६४ बच्चे पैदा करते हैं इस प्रकार ५१२ मुसलमानों की वृधि होती हैं |

५. अब जोडीये जरा ४३२ + ५१२ = ९४४ हिन्दुओ का नुकसान सौ साल में बिना किसी तलवार के जोर के और कहने को इस्लाम दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला मजहब |

६. इन्टरनेट पर उपलब्ध आकडो के अनुसार हर साल १ लाख से ऊपर हिंदू लड़किया मुस्लिम लडको के साथ भाग रही हैं तो अब जरा गुना करिये ९४४ * १००००० = ९४४००००० यानि नौ करोड़ चौवालीस लाख का अंतर बैठेगा सिर्फ एक साल में हिंदू लड़कियों के भागने के नुकसान पर अगले सौ सालो में | ये आकड़ा बड़ा जरुर लगता होगा पर इसमें मृत्यु दर, नापुसकता दर, वा अन्य घटी भी लगा ले तो भी ये अकडा करोड़ों में ही रहेगा |

७. इस आकडे के अनुसार अगर सिर्फ २० साल मुस्लिम इसी दर से लव जेहाद का अभियान चलाते रहे तो उनकी आबादी में कितनी वृधि होगी इसका अनुमान आप खुद ही लगाइए यानी आने वाले समय में हिन्दुओ का सुपडा साफ़ हो जाएगा सिर्फ इस छोटे से लगाने वाले बड़े हथियार से | लड़किया दोनों समुदायों में कम हैं पर हिंदू आबादी पर हो रहे इस विशेष तकनिकी हमले की वजह से हिंदू वृधि दर को नकारात्मक में जाने में देर नहीं लगेगी |

८. जो हिंदू ८०० सालो की जबरदस्त मार काट के बावजूद ८० करोड़ बचा हुआ था वो मात्र २० साल के निरंतर एक दर के लव जेहाद से अगले सौ सालो में लुप्त होने की कगार पर पहुच जाएगा | जैसे आज यहूदियो का हाल हैं |

१. लड़की के पालन, पोषण शिक्षा पर हिंदू मा-बाप कितना खर्च करते हैं पर जब हिन्दुओ को अपनी कौम को बढ़ाने का वक्त आता हैं तो मुस्लिम लड़के हिंदू लडकियो को ले उड़ते हैं | ये तरीका मुसलमानों को खुद के बच्चे पैदा कर के उन्हें पाल पास के बड़ा करने से भी सरल हैं, पका पकाया खाने का सरलतम तरीका हैं लव जेहाद |

लव जेहाद से बचाव
१. लड़कियों को बचपन से ही वैदिक धर्म के मूलभूत सिद्धांत और इस्लाम की कार्य निति समझा दीजिए | ये कार्य आप अपने बच्चो को खाने के टेबल पर भी सिखा सकते हैं | बच्चो को बाल सत्यार्थ प्रकाश और किशोरों को सत्यार्थ प्रकाश पढ़ने को अवश्य दे |

२. किसी भी प्रकार से किसी भी मुस्लिम को घर के अंदर मत घुसने दे |

३. अगर कोई मुस्लिम लड़का आपकी लड़की के आसपास फटक रहा हैं तो फ़ौरन कारवाही करिये | यदि खुद आप समर्थ नहीं तो अपने सर्वप्रथम अपने क्षेत्र के लोगो की उसके बाद वजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वं सेवक संघ, आर्य समाज, या अन्य किसी भी हिंदू संगठन की मदद ले |

४. पुलिस से सहायता लेने में भी ना चुके |

५. अपनी लड़की से खुल के बात करे अगर उसका कोई हिंदू प्रेमी हैं तो उसे घर पर बुला कर मिले | इस बात से निश्चित हो जाए के वो हिंदू हैं | व्यस्त लड़की पर मुस्लिम जेहादी जल्दी सफलता नहीं पा पाते |

६. अंतर जातीय शादी को अब मान्यता दे | ये देखे के लड़के का चरित्र कैसा हैं और वो करता क्या हैं ना की उसका उपनाम | किसी भी जाती का हिंदू एक मुसलमान से हज़ार गुना बहेतर हैं क्यों की उसके पूर्वजो ने अपना शौर्य दिखा के अपने धर्मं को नहीं छोड़ा |

७. दहेज ना ले, ना दे और लड़की की जल्द से जल्द शादी करा दे |

८. मुसलमानो का आर्थिक बहिष्कार करे | और अपने क्षेत्र के लडको को उनकी लड़कियों से शादी करने को प्रेरित करे | ये बदले की भावना से नहीं बल्कि सुरक्षा की भावना से करे | इस से उस मुस्लिम लड़की का भी उद्धार होगा |

९. मुस्लिम लड़का हिंदू होने को भी तैयार हो सकता हैं | पर अक्सर ऐसे मामलो पर भरोसा ना करे | इस्लाम में काफिरो यानि गैर मुसलमानों से झूठ बोलना जायज हैं इसे तकिया कहा जाता हैं | लड़का सिर्फ लड़की फ़साने के लिए ऐसा नाटक कर सकता हैं इसलिए जोखिम मत उठाये |

१०. अगर कोई मुस्लिम इस प्रकार की घटना में हिंदू मुस्लिम एकता का हवाला दे तो उस से पूछियेगा के क्या वो अपनी बहन की शादी किसी हिंदू से करा रहा हैं | हिंदू मुस्लिम एकता सिर्फ हिंदू लड़कियों की शादी मुस्लिम लड़को से शादी करने से तो नहीं आयेगी इसमें उन्हें भी बराबरी का सहयोग देना होगा |

११. अगर लड़की भाग भी गई हैं तो उसे वापस लाने में संकोच ना करे | इसमें कोई शर्म की बात नही बल्कि लड़की को वापस लाने से आप अपनी गलती सुधारेंगे | हिंदू संगठनो में वा आर्य समाज के माध्यम से आपको ऐसे बहुत से राष्ट्र भक्त युवा मिल जाएँगे जो उन लडकियो को स्वीकार करने को तैयार हो जाएँगे |

१२. कम से कम ३ बच्चे अवश्य पैदा करे और ये जान ले की लडकिया समाज का आधार हैं | उनसे ही कौम आगे बढ़ेगी इसलिए भ्रूण हत्या के खिलाफ आन्दोलन में जागरूक रहे
Read More »

Wednesday, June 13, 2012

जानिए इस्लाम के बारे में



मुस्लिम अक्सर ये दावा करते रहते हैं और अपनी छाती फुला कर बोलते रहते हैं कि हमारा धर्म तो काफी अच्छा और उदार है जिस कारण दुनिया में 52 मुस्लिम देश हैं... ये हैं, वो हैं... और न जाने क्या क्या.... और तो और... कुछ "पढ़े लिखे मूर्ख" किस्म के लोग जिन्हें कुछ लोग सेकुलर के नाम भी जानते हैं, बिना कुछ जाने-समझे उनकी हाँ में हाँ मिलाते रहते हैं और उन्हें भाई-भौजाई तक की संज्ञा दे देते हैं...!

इतना ही नहीं, मुस्लिम इस बात को जोर शोर से प्रचारित करते हैं कि इस्लाम में जबरदस्ती नहीं है और हरेक को अपनी पसंद का धर्म बदलने का अधिकार है.... जबकि यह बातें सिर्फ हिन्दुओं और गैर मुस्लिमों को रिझाने के लिए कही जाती हैं ताकि उन्हें इस्लाम रूपी दलदल में फंसाया जा सके...!

अरे मूर्ख सेकुलरो आप बहुत भाग्यशाली हो कि आपका जन्म भारत में हुआ है, जहां इस्लामी हुकूमत नहीं है ... क्योंकि इस्लाम दूसरे धर्म के लोगों को इस्लाम अपनाने की अनुमति तो देता है, लेकिन इस्लाम छोड़कर अपनी पसंद के किसी और धर्म में जाने की इजाजत नहीं देता है.. क्योंकि उनके मन में हमेशा ये डर बैठा रहता है कि अगर कोई इस्लाम छोड़कर बाहर गया तो उनका भांडा फूट जाएगा... !

इस्लाम छोड़कर वापस अपने धर्म में जाने को इस्लाम में "इरतदाद ( ﺍﺭﺗﺪﺍﺩ) या धर्मभ्रष्टता कहा जाता है.. और ऐसा करने वाले को "मुर्तद ( ﻣُﺮﺕ ) कहा जाता है ..! पिग्गम्बर मुहम्मद ने ऐसे व्यक्तियों के लिए कुरान में क्या-क्या प्रावधान कर रखे हैं ..... जरा आप भी पढ़ें और ज्ञान बढ़ाएं .........

अगर तुमने ईमान लाने के बाद इरतदाद किया तो हम तुम्हें कठोर यातनाएं देंगे....सूरा - तौबा 9 :66

लोग चाहते हैं कि तुम फिर से उन्ही की तरह वैसे ही काफ़िर हो जाओ जैसे वह खुद है तो ऐसे लोग जहाँ मिलें उन्हें पकड़ो और "उनका क़त्ल कर दो" ... और कोई उनकी सहायता नहीं करे .................सूरा -निसा 4 :89

1. मर्दों के लिए इस्लाम त्यागने की सजा मुहम्मद बिन मुस्लिम ने कहा कि मैंने अबू जाफर से "मुर्तद" ( इस्लाम त्यागने वाला ) के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा जो भी इस्लाम से हट जाये और उसकी बात पर अविश्वास करे जो अल्लाह ने रसूल पर नाजिल की है तो ऐसे व्यक्ति के लिए पश्चाताप के लिए कोई रास्ता नहीं है और "उसे क़त्ल करना अनिवार्य है" तथा उसकी पत्नी की किसी मुसलमान से शादी करा देना चाहिए एवं उसकी विरासत की संपत्ति और बच्चे मुसलमानों में बाँट देना चाहिए "......Al-Kulayni, Al-Kaafi, vol. 7, pg. 256, hadeeth # 1 Mir’aat Al- `Uqool, vol. 23, pg. 396

2. दूसरा धर्म अपनाने की सजा अली बिन जाफर से उसके भाई अबी अल हसन कहा कि एक मुसलमान ईसाई बन गया है तो हसन ने कहा उसे क़त्ल कर देना चाहिए ...फिर अली ने पूछा कि अगर कोई ईसाई मुसलमान हो जाये और फिर से ईसाई हो जाये तो क्या करना चाहिए ...? हसन ने कहा पहले तो उस से तौबा करने को कहो ,अगर नहीं माने तो उसे क़त्ल कर दो .और उसकी पत्नी और संपत्ति मुसलमानों में बाँट दो "....Mir’aat Al- `Uqool, vol. 23, pg. 396

3-औरतों के लिए इस्लाम त्यागने की सजा गियास बिन इब्राहीम कहा कि जाफर बिन मुहम्मद ने अपने पिता अली से पूछा कि अगर कोई औरत इस्लाम त्याग दे तो उसका क्या करना चाहिए ......? अली ने कहा उसे क़त्ल नहीं करो ....... बल्कि कैद करो फिर मुसलमानों के हाथ बेच डालो ."...... Al- Sadooq, Man Laa YaHDuruh Al- Faqeeh, vol. 3, Baab Al-Irtidaad, pg. 150, hadeeth # 3549

4 -रसूल के विरुद्ध बोलने की सजा अम्मार बिन अल शबाती ने कहा कि मैंने अबा अब्दुल्लाह से सुना है कि तुम में से जो भी मुस्लिम इस्लाम का त्याग करे और मुहम्मद की नबूवत से इंकार करे और उसे झूठ बताये, तो उसका खून बहाना और क़त्ल करना जायज है.... और जिस दिन तुम यह बात सुनो उस दिन से उसकी पत्नी उस से अलग कर दो और तुम्हारे नेता को चाहिए कि अगर वह औरत तौबा नहीं करे तो उसे "गुलाम बनाकर अपने लिए रख" ले और बाकी सम्पति बाँट दे .....Al-Kulayni, Al-Kaafi, vol. 7, pg. 257-258, hadeeth # 11

अब आप खुद भी समझ गए होंगे कि लोग चाहते हुए भी इस्लाम छोड़ कर क्यों नहीं जा पाते हैं....??????

अरे मूर्ख सेकुलरो भगवान का लाख-लाख बार धन्यवाद दो कि तुम हिन्दू में पैदा हुए... तभी तुम हिन्दुओं को गाली दे कर भी हिन्दू बने हुए हो अगरचे तुम मुस्लिम में पैदा हुए होते तो तुम्हारे ही भाई-बंधू तुम्हे कब का "मुहम्मद नशीन" अर्थात "नारकीय" कर चुके होते.....!

इसलिए .... फालतू की नौटंकी तथा झूठा भाई-चारा बंद करो और गर्व से कहो हम हिन्दू हैं...!
जय महाकाल...!!!
Read More »

हिन्दू लड़कियों सावधान



हिन्दू लड़कियों सावधान

नागपुर के भानखेड़ा इलाके में योगेश्वर साखरे का परिवार रहता है, कुछ दिनों पहले तक यह एक सामान्य खुशहाल परिवार था। एक पुत्र प्रतीक (28), बड़ी पुत्री पल्लवी (20) और उससे छोटी रिंकू। लगभग सवा माह पहले एक गम्भीर बीमारी की वजह से प्रतीक की मृत्यु हो गई, और जब प्रतीक के गुज़रने के सवा महीने बाद उसके क्रियाकर्म संस्कार की रस्म निभाई जा रही थी, ठीक उसी दिन पल्लवी की मौत की खबर आई। पल्लवी की लाश नागपुर के एक सार्वजनिक शौचालय में पाई गई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि वह चार माह की गर्भवती भी थी। पल्लवी का गला उसी के कुर्ते से घोंटा गया था और उसकी अर्धनग्न लाश पर कुछ घाव भी पाये गये। गहन तफ़्तीश और मोबाइल रिकॉर्ड की छानबीन के बाद पुलिस ने मोहम्मद शमीम (25) नामक एक शख्स को गिरफ़्तार किया है। मोहम्मद शमीम पहले से शादीशुदा है और नौ माह की बच्ची का बाप भी। हालांकि इस मामले में पुलिस ने अब तक सिर्फ़ हत्या का मामला दर्ज किया है, बलात्कार का नहीं, लेकिन कानूनी विशेषज्ञों से सलाह-मशविरा किया जा रहा है। पल्लवी साखरे, नागपुर के PWS कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा थी, जबकि शमीम एक कारपेंटर (बढ़ई) है।

पुलिस जाँच में पता चला है कि पल्लवी और शमीम के रिश्ते 2 साल से थे, और इसके पहले भी पल्लवी एक बार गर्भपात करवा चुकी थी। सूत्रों के मुताबिक पल्लवी शमीम से दूसरे गर्भपात के लिये पैसा माँग रही थी साथ ही उस पर शादी के लिये दबाव भी बना रही थी, तथा 7 मार्च (रविवार) को उसने उसके घर आकर हंगामा करने की धमकी भी दी थी। पुलिस के अनुसार शमीम ने उसे मिलने के लिये बुलाया और उनके बीच हुई गर्मागर्मी के बाद शमीम ने उसका गला घोंट दिया और लाश को सार्वजनिक शौचालय में छिपा दिया, जहाँ से वह तड़के 8 मार्च को बरामद हुई। पुलिस की मार खाने के बाद शमीम ने बताया है कि उसकी पत्नी रिज़वाना सुल्तान को यह बात पता थी और उसे उसकी दूसरी शादी से कोई आपत्ति नहीं थी। पल्लवी की छोटी बहन रिंकू ने बताया कि पल्लवी के सेलफ़ोन पर शनिवार रात 10 बजे शमीम का फ़ोन आया था और उसके बाद से वह गायब हो गई, चूंकि परिवार पहले से ही युवा पुत्र के गम में डूबा था और कर्मकाण्ड के कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त था इसलिये उन्होंने तुरन्त पुलिस को खबर करने में कोताही बरती, और शायद यही पल्लवी की मौत का कारण बना। नागपुर नगरनिगम में कार्यरत योगेश्वर और शारदाबाई साखरे के परिवार पर डेढ़ माह के भीतर यह दूसरा वज्रपात हुआ।

यह तो हुआ घटना का विवरण, लेकिन इससे उठने वाले सवाल बहुत गम्भीर हैं और एक सामाजिक समस्या के साथ-साथ “लव जेहादियों” की घृणित मानसिकता को भी दर्शाती है।

1) एक अच्छे परिवार की पढ़ी-लिखी लड़की, किसी कम पढ़े-लिखे और शादीशुदा मुस्लिम के जाल में कैसे फ़ँस गई?

2) दो साल से शोषण करवा रही, और एक बार गर्भपात करवा चुकी उस मूर्ख लड़की को क्या तब भी पता नहीं चला कि मोहम्मद शमीम की नीयत ठीक नहीं है?

3) आखिर पढ़ी-लिखी हिन्दू लड़कियाँ, किस प्रकार से कारपेंटर, ऑटो रिक्शा चालक, सब्जी बेचने वाले ( यहाँ तक कि बेरोज़गार) मुसलमान युवकों के जाल में फ़ँस जाती हैं? क्या तथाकथित प्रेम(?) करने के दौरान उनकी अक्ल घास चरने चली जाती है?

4) शमीम की बीवी उसकी दूसरी शादी के लिये सहमत थी (और बेचारी करती भी क्या?) फ़िर भी शमीम की नीयत यही थी कि पल्लवी का देह-शोषण करता रहे, और जिम्मेदारी से बचा भी रहे। यह मानसिकता क्या प्रदर्शित करती है?

5) क्या यह माना जाये कि हिन्दू लड़कियों को अधिक स्वतन्त्रता प्राप्त है इसलिये ऐसे मामले आजकल अधिक हो रहे हैं?

6) जब भी इस प्रकार का मामला (हिन्दू लड़की – मुसलमान लड़का) होता है, और हिन्दू संगठन अथवा राजनैतिक दल विरोध करते हैं तो हिन्दुओं के भीतर से ही उनका विरोध शुरु हो जाता है, इस मानसिकता को क्या कहा जाये? (सन्दर्भ - कोलकाता का रिज़वान-तोड़ी मामला)

7) जबकि ठीक इसके उलट (हिन्दू लड़का-मुस्लिम लड़की) का मामला सामने आता है तब मुसलमानों की तरफ़ से जमकर, एकजुट और परिणामकारक (सेकुलर) विरोध और जोड़तोड़ होता है (सन्दर्भ - कश्मीर का रजनीश-अमीना यूसुफ़ मामला)।

8) कर्नाटक और केरल हाईकोर्ट भी प्रथम दृष्टया मान चुके हैं कि भले ही “लव जेहाद” नाम की कोई आधिकारिक परिभाषा न हो, लेकिन पिछले 5 वर्षों में इन दोनों राज्यों की 2000 से अधिक लड़कियों में से… कुछ गायब हुई हैं, कुछ की मौत संदिग्ध स्थितियों में हुई, जबकि कुछ ने धर्म परिवर्तन किया, तो निश्चित ही कुछ न कुछ गड़बड़ है… (इसी प्रकार कुछ शहरों में “MMS ब्लैकमेल काण्ड” में भी जो लड़के पकड़ाये हैं उनमें से अधिकतर मुस्लिम ही हैं, जिन्होंने हिन्दू लड़कियों को फ़ँसाकर उनके अश्लील चित्र नेट पर अपलोड किये थे)।
Read More »

क्या आप इस्लाम को धर्म मानते हैँ?



आप सभी से अनुरोध है कि इस लेख को पूरा पढेँ और विचार करेँ कि जो लोग इस्लाम को धर्म मानते हैँ

 वो समाज को किस दिशा मेँ ले जा रहे हैँ इस्लामी बंदगी दरिंदगी और गंदगी ! जगत में जितने भी जीवधारी हैं ,सबको अपनी जान प्यारी होती है .और सब अपने बच्चों का पालन करते हैं .इसमे किसी को कोई शंका नहीं होना चाहिए .परन्तु अनेकों देश के लोग इन निरीह और मूक प्राणियों को मार कर उनके शरीर के अंगों या मांस को खाते हैं.ऐसे लोग इन प्राणियों को मार कर खाने के पक्ष में कई तर्क और फायदे बताते हैं .सब जानते हैं कि बिना किसी प्राणी को मारे बिना उसका मास खाना असंभव है,

फिर भी ऐसे लोग खुद को "शरीर भक्षी (Carnivorous ) कि जगह (Non vegetarian ) कहकर खुद को सही ठहराते हैं .कुछ लोग शौक के लिए और कुछ देखादेखी भी आमिष भोजन करते हैं .लेकिन इस्लाम ने मांसभक्षण को और जानवरों की क़ुरबानी को एक धार्मिक और अनिवार्य कृत्य बना दिया है. और क़ुरबानी को अल्लाह की इबादत का हिस्सा बताकर सार्वजनिक रूप से मानाने वाला त्यौहार बना दिया ह "क़ुरबानी ﻗﺮﺑﺎﻧﻲ" शब्द मूल यह तीन अक्षर है 1 .ﻕकाफ 2 .ﺭरे 3 और ﺏ बे = क र बﻕ ﺭ
ﺏ .इसका अर्थ निकट होना है .तात्पर्य ऐसे काम जिस से अल्लाह की समीपता प्राप्त हो .
हिंदी में इसका समानार्थी शब्द " उपासना" है .उप = पास ,आस =निकट .लेकिन अरबी में जानवरों को मारने के लिए "उजुहाﺍﻻﺿﺤﻲ " शब्द है जिसका अर्थ "slaughter " होता है.

इसमे किसी प्रकार की कोई आध्यात्मिकता नजर नहीं दिखती है .बल्कि क्रूरता, हिंसा ,और निर्दयता साफ प्रकट होती है .जानवरों को बेरहमी से कटते और तड़प कर मरते देखकर दिल काँप उठता है और यही अल्लाह चाहता है, कुरान में कहा है, "और उनके दिल उस समय काँप उठते हैं, और वह अल्लाह को याद करने लगते हैं " सूरा -अल हज्ज 22 :35 यद्यपि कुरान में जानवरों की क़ुरबानी करने के बारे में विस्तार से नहीं बताया है और सिर्फ यही लिखा है, "प्रत्येक गिरोह के लिए हमने क़ुरबानी का तरीका ठहरा दिया है, ताकि वह अपने जानवर अल्लाह के नाम पर कुर्बान कर दें " सूरा -हज्ज 22 :34 जानवरों और उनके बच्चों की क़ुरबानी के जो तरीके बताएं है. उसे पढ़कर कोई भी अल्लाह को दयालु नहीं मानेगा,

3-पशुवध की राक्षसी विधियाँ मांसाहार अरबों का प्रिय भोजन है ,इसके लिए वह किसी भी तरीके से किसी भी जानवर को मारकर खा जाते थे . जानवर गाभिन हो या बच्चा हो ,या मादा के पेट में हो सबको हजम कर लेते थे . और रसूल उनके इस काम को जायज बता देते थे बाद में यही सुन्नत बन गयी है और सभी मुसलमान इसका पालन करते हैं ,इन हदीसों को देखिये , अ -खूंटा भोंक कर "अनस ने कहा कि बनू हरिस का जैद इब्न असलम ऊंटों का चरवाहा था, उसकी गाभिन ऊंटनी बीमार थी और मरणासन्न थी . तो उसने एक नोकदार खूंटी ऊंटनी को भोंक कर मार दिया . रसूल को पता चला तो वह बोले इसमे कोई बुराई नहीं है ,तुम ऊंटनी को खा सकते हो " मालिक मुवत्ता-किताब 24 हदीस

3
ब-पत्थर मार कर "याहया ने कहा कि इब्न अल साद कि गुलाम लड़की मदीने के पास साल नामकी जगह भेड़ें चरा रही थी. एक भेड़ बीमार होकर मरने वाली थी.तब उस लड़की ने पत्थर मार मार कर भेड़ को मार डाला .रसूल ने कहा इसमे कोई बुराई नहीं है ,तुम ऐसा कर सकते हो " मालिक मुवत्ता -किताब 24 हदीस

4
जानवरों को मारने कि यह विधियाँ उसने बताई हैं, जिसको दुनिया के लिए रहमत कहा जाता है ? किस किस को खा सकते हो इन हदीसों को पढ़कर आपको राक्षसों की याद आ जाएगी .यह सभी हदीसें प्रमाणिक है ,यह नमूने देखिये

 अ -घायल जानवर "याह्या ने कहा कि एक भेड़ ऊपर से गिर गयी थी ,और उसका सिर्फ आधा शरीर ही हरकत कर रहा था ,लेकिन वह आँखें झपक रही थी .यह देखकर जैद बिन साबित ने कहा उसे तुरंत ही खा जाओ "मालिक मुवत्ता किताब 24 हदीस

7
ब -मादा के गर्भ का बच्चा "अब्दुल्लाह इब्न उमर ने कहा कि जब एक ऊंटनी को काटा गया तो उसके पेट में पूर्ण विक्सित बच्चा था ,जिसके बल भी उग चुके थे. जब ऊंटनी के पेट से बच्चा निकाला गया तो काफी खून बहा ,और बच्चे दिल तब भी धड़क रहा था.तब सईद इब्न अल मुसय्यब ने कहा कि माँ के हलाल से बच्चे का हलाल भी माना जाता है .

 इसलिए तुम इस बच्चे को माँ के साथ ही खा जाओ " मुवत्ता किताब 24 हदीस 8 और 9 स -दूध पीता बच्चा "अबू बुरदा ने रसूल से कहा अगर मुझे जानवर का केवल एकही ऐसा बच्चा मिले जो बहुत ही छोटा और दूध पीता हो , रसूल ने कहा ऐसी दशा में जब बड़ा जानवर न मिले तुम बच्चे को भी काट कर खा सकते हो " मालिक मुवत्ता - किताब 23 हदीस 4 गोश्तखोरी से आदमखोरी मांसाहारी व्यक्ति आगे चलकर नरपिशाच कैसे बन जाता है ,इसका सबूत पाकिस्तान की ARY News से पता चलता है ,दिनांक 4 अप्रैल 2011 पुलिस ने पाकिस्तान पंजाब दरया खान इलाके से आरिफ और फरमान नामके ऐसे दो लोगों को गिरफ्तार किया ,जो कब्र से लाशें निकाल कर ,तुकडे करके पका कर खाते थे. यह परिवार सहित दस साल से ऐसा कर रहे थे.दो दिन पहले ही नूर हुसैन की 24 की बेटी सायरा परवीन की मौत हो गयी थी ,फरमान ने लाश को निकाल लिया ,जब वह आरिफ के साथ सायरा को कट कर पका रहा था ,तो पकड़ा गया.

पुलिस ने देगची में लड़की के पैर बरामद किये . इन पिशाचों ने कबूल किया कि हमने बच्चे और कुत्ते भी खाए हहमारी सरकार जल्द ही पाकिस्तान के साथ व्यापारिक अनुबंध करने जारही है, और तेल या घी के नाम पर जानवरों की चर्बी और ऐसी चीजें यहाँ आने वाली हैं. लोगों को फैसला करना होगा कि उन्हें पूर्णतयः शाकाहारी बनकर, शातिशाली , बलवान ,निर्भय और जीवों के प्रति दयालु बन कर देश और विश्व कि सेवा करना है ,या धर्म के नाम पर या दुसरे किसी कारणों से प्राणियों को मारकर खाके हिसक क्रूर निर्दयी सर्वभक्षी पिशाच बन कर देश और समाज के लिए संकट पैदा करना है.

दूसरेधर्मों के लोग ईश्वर को प्रसन्न करने और उसकी कृपा प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या करके खुद को कष्ट देते हैं .लेकिन इस्लाम में बेजुबान जानवरों को मार कर अल्लाह को खुश किया जाता है. और इसी को इबादत या बंदगी माना जाता है .फिर यह बंदगी दरिंदगी बन जाती है .और जिसका नतीजा गन्दगी के रूप में लोग खाते हैं इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद विचार जरुर करिए . माँसाहारी अत्याचारी ,और अमानुषिक हो सकते हैं लेकिन बलवान और सहृदय कभी नहीं सो सकते —
Read More »