Thursday, June 7, 2012
क्या आप जानते हैं सेकुलरिज्म क्या है
क्या आप सचमुच में जानते हैं कि....... सेकुलरिज्म क्या है.....?????आजकल गलतफहमी में सेकुलर मतलब ....... "हिन्दू-मुस्लिम भाई-भाई" समझ लिया जाता है......और, ऐसा करके कुछ लोग गर्व की अनुभूति भी करते हैं .... जबकि हकीकत में लोगों को सेकुलरता का सही अर्थ तक मालूम नहीं है...!दरअसल... सेकुलर शब्द..... लैटिन भाषा के "सेकुलो" (Seculo) शब्द से निकला है।जिसका अंग्रेजी में अर्थ है 'इन दी वर्ल्ड (in the world) ..!कहानी कुछ यूँ है कि.....'कैथोलिक ईसाइयों' में संन्यास लेने की परम्परा प्रचलित है।
इसके अनुसार संन्यासी पुरुषों को मौंक(Monk) और महिलाओं को नन (Nun) कहा जाता है।
परन्तु.... जो व्यक्ति संन्यास लिए बिना....समाज में रहते हुए सन्यासियों के धार्मिक कामों में मदद करते थे, उन्हें ""सेकुलर""(Secular) कहा जाता था।
और .. सेकुलरिज्म कि कहानी कुछ यूँ है कि....15 वीं सदी में पोप को असीमित अधिकार प्राप्त थे .... यहाँ तक कि... उसे यूरोप के किसी भी राजा को हटाने तथा नए राजा को नियुक्त करने.... और, किसी को भी धर्म से बहिष्कृत करने तक के अधिकार प्राप्त थे।
यहाँ तक कि.. पोप की अनुमति के बिना कोई राजा शादी भी नहीं कर सकता था।
एक बार .... इंग्लैंड के राजा हेनरी 8 वें (1491-1547) ने 1533 में अपनी रानी कैथरीन (Catherine) को तलाक देने और एन्ने बोलेन्न (Anne Bollen) नामक विधवा से शादी करने के लिए पॉप क्लीमेंट 7th से अनुमति मांगी तो पॉप ने साफ़ मना कर दिया और, हेनरी को धर्म से बहिष्कृत कर दिया। इस पर नाराज़ होकर हेनरी ने अपने राज्य इंग्लैंड को पोप की सता से अलग करके 'चर्च ऑफ़ इंग्लैंड "की स्थापना कर दी.
इसके लिए उसने 1534 में इंग्लैंड की संसद में 'एक्ट ऑफ़ सुप्रीमैसी (Act of suprimacy ) नामक कानून पारित किया ...जिसका शीर्षक था "सेपरेशन ऑफ़ चर्च एंड स्टेट ( separation of church and state) "..... जिसके अनुसार चर्च न तो राज्य के कामों में हस्तक्षेप कर सकता था और न ही राज्य चर्च के कामों में दखल दे सकता था।
इस चर्च और राज्य के अलगाव के सिद्धांत को उसने ""सेकुलरिज्म(Secularism)"" का नाम दिया..।
आज भी.... आज अमेरिका में सेकुलरिज्म का यही अर्थ माना जाता है...!
परन्तु.... लेकिन भारत में कुछ धूर्तों और सत्तालोलुप लोगों ने सेकुलर शब्द का अर्थ "धर्मनिरपेक्ष "कर दिया..... जिसका मूल अंग्रेजी शब्द से दूर का भी सम्बन्ध नहीं है.
यही नहीं इन मक्कार लोगों ने सेकुलर शब्द का एक विलोम शब्द भी गढ़ लिया "साम्प्रदायवाद "।
आज यह सत्तालोभी और हिंदुविरोधी नेता अपने सभी अपराधों पर परदा डालने और हिन्दुओं को कुचलने व् उन्हें फ़साने के लिए इन शब्दों का ही उपयोग करते हैं।
हमें इस बात को अच्छे तरीके से समझना होगा कि आज देशद्रोही और गद्दारी रूपी भेड़िये ने सेकुलरिज्म रूपी भेड़ क़ी खाल ओढ़ रखी है ...!
असल में... ये सेकुलर नहीं... बल्कि ... ऐसे लोग हैं ..... जो न तो कभी देशभक्त हो सकते है... और, न ही कभी देश क़ी भलाई कर सकते ..!
क्या इस तरह के तथाकथित सेकुलर लोग उसी समय संतुष्ट होंगे जब भारत में " निजामे मुस्तफा " लागू हो जायेगा ...????
अगर किसी को मेरी बात पर शक हो तो... वह एक साल किसी मुस्लिम बहुल मोहल्ले में रह कर देख ले ..!
जो बिकाऊ पत्रकार हमें सांप्रदायिक कहते है.............. उनको खुली चुनौती है कि.. वह देश की किसी स्थानीय खबर को पहले हिंदी या अंग्रेजी अखबार में देखें फिर वही खबर उर्दू अखबार में देखें ..!
उन्हें फ़ौरन पता चल जायेगा कि सच्चाई क्या है....?????
क्या कभी किसी ने इस बात के बारे में पता किया है कि....... सरकार जिन मदरसों को अनुदान देती है , उनकी किताबों की पाठ्य पुस्तकों के क्या पढाया जाता है ....???
हिन्दुओं के टैक्स के पैसों से दूसरे पाकिस्तान के भवन की ईंट पर ईंट रखी जा रही है ...!
क्या किसी ने सुना है कि मुल्ले मस्जिदों में जो खुतबे का बाद भाषण देते हैं ....उन में क्या कहा जाता है....... ??????????
हिन्दुओं को सेकुलरों की चालाकियों से सावधान हो जाना चाहिए ..!
याद रखें ....जो जो समाज अपने शत्रु को नहीं पहचानता है.... वह नष्ट हो जाता है ....!!
जय महाकाल...!!!
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