Wednesday, January 27, 2016

Gas Cylinder Safety Tips in Hindi

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अपने परिवार की सुरक्षा के लिए 2 मिनिट का समय निकाल कर इसे अवश्य पढ़े...!!!

L.P.G.गैस सिलेण्डर की भी "एक्सपायरी डेट" होती है।
एक्सपायरी डेट निकलने के बाद गैस सिलेण्डर को इस्तेमाल करना बम की तरह खरतनाक हो सकता है। आमतौर पर गैस सिलेण्डर की रिफील लेते समय उपभोक्ताओं का ध्यान इसके वजन और सील पर ही होता है।

उन्हें सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट की जानकारी ही नहीं होती।
इसी का फायदा एलपीजी की आपूर्ति करने वाली कंपनियां उठाती हैं और धड़ल्ले से एक्पायरी डेट वाले सिलेण्डर रिफील कर हमारे घरों तक पहुंचाती हैं। यहीं कारण है कि गैस सिलेण्डरों से हादसे होते हैं।

कैसे पता करें एक्सपायरी डेट
सिलेण्डर के उपरी भाग पर उसे पकड़ने के लिए गोल रिंग होती है और इसके नीचे तीन पट्टियों में से एक पर काले रंग से सिलेण्डर की एक्सपायरी डेट अंकित होती है। इसके तहत अंग्रेजी में A, B, C तथा D अक्षर अंकित होते है तथा साथ में दो अंक लिखे होते हैं।

  1. A अक्षर साल की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च),
  2. B साल की दूसरी तिमाही (अप्रेल से जून),
  3. C साल की तीसरी तिमाही (जुलाई से सितम्बर)
  4. D साल की चौथी तिमाही अर्थात अक्टूबर से दिसंबर को दर्शाते हैं।

इसके बाद लिखे हुए दो अंक एक्सपायरी वर्ष को संकेत करते हैं।
यानि यदि सिलेण्डर पर A 11 लिखा हुआ हो तो सिलेण्डर की एक्सपायरी मार्च 2011 है। इस सिलेण्डर का "मार्च 2011" के बाद उपयोग करना खतरनाक होता है।

इस प्रकार के सिलेण्डर बम की तरह कभी भी फट सकते हैं।
ऐसी स्थिति में उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे इस प्रकार के एक्सपायर सिलेण्डरों को लेने से मना कर दें तथा आपूर्तिकर्त्ता एजेंसी को इस बारे में सूचित करें !

(एक्शन फॉर सोशल एन्ड ह्यूमन एडवांसमेंट द्वारा जनहित में जारी)
Note : कृप्या घरेलू सुरक्षा के मद्देनजर इस पोस्ट को अधिक-अधिक शेयर करे !!

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